मध्यप्रदेश के धार जिले में विन्ध्य पर्वत की सुरम्य शृंखलाओं के बीच द्वापरकालीन ऐतिहासिक अझमेरा नगर बसा है। 1856 में यहाँ के Raja Bakhtawar Singh के पूर्वज मूल रूप से जोधपुर (राजस्थान) के राठौड़ वंशीय राजा थे। सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय अमझेरा के शासक थे महाराणा बख्तावरसिंह। 1856 में यहां के राजा बख्तावरसिंह ने अंग्रेजों से खुला युद्ध किया। राजा ने इससे हताश न होते हुए तीन जुलाई, 1857 को भोपावर छावनी पर हमला कर उसे कब्जे में ले लिया। राजा के सामने 21 दिसम्बर, 1857 को कामदार गुलाबराज पटवारी, मोहनलाल ठाकुर, भवानीसिंह सन्दला आदि उनके कई साथियों को फाँसी दे दी गयीय पर राजा विचलित नहीं हुए। अन्ततः 10 फरवरी, 1858 को इन्दौर के एम.टी.एच कम्पाउण्ड में देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले राजा बख्तावर सिंह को भी फाँसी पर चढ़ा दिया गया।